कटती नहीं जो जिन्दगी यूँ आसानी से, उसे जीने की कोशिश करता हूँ। जीता हूँ जिनके साथ अपनी मनमानी से, उनकी ख्वाहिशे पूरी करने की कोशिश करता हूँ। बत्तमीज हूँ, बेरूखा हूँ, कड़वीं बातें करता हूँ अक्सर, दुनिया जो सुनना पसंद नही करती, वो सच बोलने की कोशिश करता हूँ।। { अमरदीप सिंह }
ना सुनने के डर से इजहार करना भी मुश्किल हो जाता है, पास हो वो चाहे जिसे दिल, प्यार करना मुश्किल हो जाता है। दिल धड़कता है जोर जोर से करीब उनके जाने से, इजहार करके कहीं दूर ना चले जाए वो, ये सोच कर सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है।।