Saturday, June 30, 2012

हम खुद को जलील कर बैठे.....


















इक दफा किसी और के साथ मुझे देख, 
कहा उन्होंने की जलन में वो हमसे इज़हार- ए- मोहब्बत कर बैठे, 
मेरी दुनिया उस दिन सिमट गयी,
और हम भी उनसे मोहब्बत कर बैठे,
कुछ समां बदला और वो भूल गये सब कुछ,
हर वक़्त अपनी मोहब्बत का एहसास दिला दिला कर,
हम खुद को जलील कर बैठे..... 

"अमरदीप सिंह "

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