इश्क में हर बार लुटना मेरा मुक़द्दर था,
मेरा गम ही मेरी जिन्दगी का सिकंदर था..
मेरा मुरशद भी मुझसे यही चाहता होगा,
बड़ी शिद्दत से उसे मै याद आता होगा..
ना जिक्र आता होगा उनकी बातो में अब मेरा,
अब तो उनका दिल भी ना रहा मेरा बसेरा..
>>>>अमरदीप<<<<
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