नैनो की नैनो से तब बात होती है..
शमा जलाये सर्द की रात में,
इक यादगार मुलाकात होती है..
कुछ शरारत उनकी होती है,
कुछ लम्हों की ताक होती है..
दिल धडकता है जोरो से,
चाहत भी कुछ ख़ास होती है..
वो चाह कर भी भूल ना पाए हमे,
नीयत भी ना साथ होती है..
''अमरदीप'' कहता है, खुद को रोक ऐ आशिक,
तब ना होश होता है ना मात होती है..
>>>>अमरदीप<<<<
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