तेरी ख़ामोशी में कई गम है,
तेरी आँखे कुछ कुछ नम है..
इस हाल में तुझे यूँ ना छोडूंगा अकेला,
जानता हूँ मुझ पर तेरा यकीं कम है..
तेरे हर दर्द में बराबर का हक़दार हूँ,
इस दोस्ती का हमेशा मैं कर्ज़दार हूँ..
तू लाख छुपा ले अपने ज़ख़्म मुझसे,
कुछ कुछ तो मैं भी समझदार हूँ....
>>>>अमरदीप<<<<
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